हमारे आदिवासी भाइयों को भड़काया जाता है कि देखो तुम जंगल में भटकते रहते हो, तुम वनोपज पर निर्भर हो और तुम्हारे पिछड़े होने,गरीबी के लिये सवर्ण लोग जिम्मेदार हैं!
सोमवार, 31 जनवरी 2022
ये तो जूँठन है
रविवार, 30 जनवरी 2022
लोरी की आवाज आती तो है!!
मुश्किल से गुजरी स्याह रात के बाद,
गाँधीजी की पुण्यतिथि पर...
यद्द्पि मैं गांधीवादी नहीं हूँ,कांग्रेसी भी नहीं हूँ,किँतु स्वाधीनता संग्राम में बापू के अथक अवदान के प्रति आभार व्यक्त करता हूँ ! मैने जब चार्ली चैपलिन,अलवर्ट आइंस्टीन,जॉर्ज बर्नाड शॉ,नेल्सन मंडेला,दलाई लामा,मदर टेरेशा,मार्टिन लूथर किंग और डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन द्वारा गांधीजी के बारे में लिखा गया गुणानुवाद पढ़ा, तो बरबश ही मैं भी गांधी जी के प्रति श्रद्धावनत हो गया!
धन्यवाद नाथूराम ....अमर रहो !
बदनाम सिस्टम को बदलने की चेष्टा करें!
जिनके पास रोजगार नहीं,घर नहीं,शिक्षा के अवसर नही,स्वास्थ-व्यवस्था उपलब्ध नहीं,वे यदि अंधभक्त हैं तो ईश्वर,अल्लाह या GOD के समक्ष अपनी समस्या रखें! यदि तर्कशील विज्ञानवादी हैं तो इस बदनाम सिस्टम को बदलने की चेष्टा करें! और यह काम सिर्फ सत्ता परिवर्तन से नही होगा!
शुक्रवार, 28 जनवरी 2022
रज़ाई में पड़े रहो
वीर तुम अड़े रहो,
"जब सवर्ण को संविधान में समानता का अधिकार ही नहीं तो आप गणतंत्र दिवस की बधाई क्यों दे रहे हैं ?" क्षत्रियों, ब्राम्हणों और दीगर लोगों ने अरबों, मुगलों और अफ़गानों से देश की रक्षा करने में अपनी अनेक पीढ़ियां और वंश कुर्बान कर दिए!
लोरी,सह्रदय इंसानमें जीनेकी उमंग जगाती तो है।
मुश्किल से गुजरी स्याह रात के बाद,
आपका संचित ज्ञानकोष चाहे कितना ही समृद्ध क्यों न हो ?यदि आप किसी रोते हुए बच्चे को हँसा नहीं सकते ,यदि आप अपने ही सपरिजनों या बुजुर्गों को खुश नहीं कर सकते ,यदि आप खुद भी खुशियों से महरूम हैं ,तो आपका संचित ज्ञानकोष आपके लिए जहर है। आप तत्काल उससे मुक्त हो जाइये !
बुधवार, 26 जनवरी 2022
डर्टी पॉलिटिक्स का सिलसिला
वेशक अनेक अनगिनत कुर्बानियों की कीमत पर भारत को आजादी मिली,किन्तु अंग्रेजों की क्रूर दुरभिसंधि मुस्लिम लीग और कुछ जातिवादी नेताओं की गद्दारी से मुल्क का बटवारा हो गया। भारत पकिस्तान दो मुल्क बनाकर अंग्रेज यहां से विदा हो गए।सिर्फ जमीन का बटवारा नहीं हुआ,भारतीय आत्मा का भी बटवारा हो गया। मुस्लिम लीग और हिंदूवादी संगठनों ने आजादी की लड़ाई में कोई योगदान नहीं दिया। महात्मा गाँधी ,पंडित मोतीलाल नेहरू,पंडित मदनमोहन मालवीय,पंडित गोविन्दवल्ल्भ पंत,लोकमान्य बल गंगाधर तिलक,लाला लाजपत राय,विपिनचंद पाल,आसफ अली,सीमान्त गाँधी अब्दुल गफ्फार खान,पंडित रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाकुउल्ला खान, सआदत खान,मौलाना आजाद,भगतसिंग ,चंद्रशेखर आजाद,सुखदेव राजगुरु,पंडित जवाहरलाल नहरू,सरदार पटेल,डॉक्टर राजेंद्रप्रसाद, सर्वपल्ली राधाकृष्णन,महाकवि सुब्रमण्यम भारती और गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर जैसे अनेक हुतात्मओं की बदौलत यह आधी अधूरी आजादी मिल सकी थी।