जो नेता या धर्मगुरु अपने धर्म मजहब८ को ख़तरे में बताया करते हैं,वे या तो मूर्ख हैं या शातिर नेता हैं, जो आवाम को
बेवकूफ बनाकर अपना उल्लू सीधा कर रहे हैं!
क्योंकि धर्म तो सत्य पर टिका है,चूंकि सत्य ईश्वर की ताकत है,जिसे कभी नष्ट नही किया जा सकता ! इसलिये यदि कोई भी धर्म मजहब यदि सत्य पर आधारित है,तो उसे कभी कोई खतरा नहीं!
बेशक उन मजहबों और पंथों के अस्तित्व को हमेशा खतरा रहता है, जो किसी एक इंसान की कथनी करनी से धरती पर भय भूख,भ्रस्टाचार फैलाने और हिंसक उपद्रव करते हुए दुनिया में आतंक फैलाने के लिये जिम्मेदार रहे हैं!
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