शनिवार, 22 जनवरी 2022

खुशमिजाज

 जब कोई व्यक्ति नकारात्मक और बुरे विचारों के संसर्ग में आता है और दुष्प्रभाव के कारण किसी अनैतिक या असामाजिक कार्य में लिप्त हो जाता है,तब उसका अवचेतन मन [ subcounsus mind] कठोर होकर निष्क्रिय या सुप्त हो जाता है! इसके अलावा आभ्यंतरिक भौतिक मन उस व्यक्ति के इंद्रिय विशेष को गलत दिशा में ले जाता है!जो उसके पतन का कारण बनता है !

किंतु एक खुशमिजाज व्यक्ति अपने निजी जीवन में तो सफल होता ही है, किन्तु उसका सार्वजनिक जीवन भी भव्य और खुशहाल हो जाता है। वह दुःख ,क्लेश अभाव में प्रशांतचित्त होकर चुनौतियों का सामना करता है। ऐंसा व्यक्ति भले ही अनीश्वरवादी ही क्यों न हो,किंतु वह भौतिक,आध्यात्मिक और सामाजिक जीवन को भी अक्षुण बनाता है।

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