आपका संचित ज्ञानकोष चाहे कितना ही समृद्ध क्यों न हो ?यदि आप किसी रोते हुए बच्चे को हँसा नहीं सकते ,यदि आप अपने ही सपरिजनों या बुजुर्गों को खुश नहीं कर सकते ,यदि आप खुद भी खुशियों से महरूम हैं ,तो आपका संचित ज्ञानकोष आपके लिए जहर है। आप तत्काल उससे मुक्त हो जाइये !
आप सहज, सरल और तरल जीवन जीने की कोशिश कीजिये !यदि आप वास्तव में ज्ञानी हैं तो किसी भी व्यक्ति,विचार अथवा वस्तु के व्यामोह से बचिए और अहं का बोझ भी तत्काल उतारकर फेंक दीजिये !
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