टेलीप्रॉम्पटर होने के बावजूद भी उसने 60 करोड़ को 600 करोड़ पढ़ा, मिसेज को एम.आर.एस पढ़ा, UNO को उनो पढ़ा, तिरंगा के चार रंग बताए, टिम्बर के पेड़ से फर्नीचर का बनना बताया, सिकंदर को गंगा पार पहुंचाया, तक्षशिला को बिहार में बताया। यही नहीं, गुरु नानक, कबीर और गुरु गोराखनाथको एकमंच पर बैठकर चर्चा करने, बिना इंटरनेट के ईमेल और अनोलॉग कैमरा से डिजिटल फ़ोटो खींचने की बात कही।
जिन लोगों ने पढ़े लिखे को पप्पू और अनपढ़ को भगवान बनाया है उन्हें फर्क नहीं पड़ता लेकिन उनके बच्चों को आगे फर्क पड़ेगा इस बात का।
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