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यदि स्वर्ग का आनंद चाहिये तो अपने न्यायिक हक के लिये, अनीति और अन्याय के खिलाफ संघर्ष करो ! और वीर गति को प्राप्त भव ! किंतु यदि इसी जन्म में सुख चाहिये तो किसी धूर्त बाबा या बदमाश पूँजीपति या किसी सफल शातिर नेता का अंधभक्त भव.
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