गुरुवार, 20 जनवरी 2022

इस देश का भगवान ही मालिक है

 लाखों मुफ्तखोर बाबा और रैपिस्ट ढोंगी साधु,मुल्ला-मौलवी,बलात्कारी फॉदर जिस देश में हों,करोड़ों निठल्ले विचारविहीन युवा जहाँ कामकी तलाश में मारे मारे फिर रहे हों, करोड़ों नर नारी जातिय आरक्षण की लूली लंगड़ी बैशाखी का सहारा पाने के लिये इस महा भयानक कोरोना महामारी का भय त्याग कर अपने जातिय नेता या नेत्री को आसमान में बिठाने को प्रयत्नशील हों,उस देश के राजनीतिक दलों को सत्ता प्राप्ति की फिक्र के अलावा और क्या काम हो सकता है?

उन्हें तो जातिवाद का हंगामा खड़ा करने, एक दूसरे को नीचा दिखाने और अमीरों जागीरदारों,दबंग ठेकेदारों,खनन माफियाओं के हित साधने,चंदा देने वालों की जठराग्नि भड़काने से ही फुर्सत नही है! बाकई इस देश का भगवान ही मालिक है

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