शनिवार, 15 जनवरी 2022

 "युग सहस्त्र में मार्तण्ड का, रश्मि भ्रूण जब गिरा धरनि पर।

तब नर बन जाते नारायण, भू भार हरण करते हैं।।
भरते जो संक्रांति शून्य, हांकते मानवता का रथ।
सत्य न्याय के लिए समर में, विजय वरण करते हैं।।
हम उनको ही अवतार, उन्हें देव कहा करते हैं।"

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