गोली असर करती है बेखबर,
बंदूक से निकल जाने के बाद।
गाली असर करती है अक्सर,
जुबाँ से निकल जाने के बाद।।
मेहंदी असर करती है हाथों में,
पत्थर पै पिस जाने के बाद।
चंदन खुशबू व ठंडक देता है
पत्थर पै पिस जाने के बाद।।
फ़ना हो जाती है इंसानियत,
हाकिम भ्रस्ट हो जाने के बाद!
छाछ भी फूँककर पीते हैं लोग,
गर्म दूध से मुँह जल जानेके बाद।
आवाम खुद ही सबक नही सीखती,
सत्ताधारियों से ठोकरें खाने के बाद।
लोग उन्हें ही क्यों चुनते हैं बार बार,
जो भूल जाते हैं जीत जाने के बाद !
करता है आदमी-आदमी का शोषण,
आदमी आदमी के काम आने के बाद।
श्रीराम तिवारी
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