लखीमपुर (यूपी) में विगत किसान आंदोलन के दौरान केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रके सुपुत्र ने जहां किसानों पर गाड़ी चढ़ा दी वहीं भाजपा समर्थकों ने किसानों पर जानलेवा हमला कर दिया ! इस बर्बर- हमले की निंदा करने के बजाय उन हमलावर बदमाशों पर कानूनी कार्रवाई करने के बजाय, मोदी योगी की डबल इंजन सरकार उन्हें बचाने में जुट गई! जब चारों ओर से जनता का आक्रोश उभरने लगा, तो यूपी चुनाव के मद्दे नजर जांच के बहाने SIT गठित की गई!
अब उसी SIT ने पुख्ता सबूतों के आधार पर अपनी जाँच रिपोर्ट में स्पष्ट कहा है कि
"लखीमपुर में आंदोलनकारी किसानों पर सोची समझी साजिश के तहत हमला किया गया था "
अब दोषियों का बचना तो मुश्किल है, किंतु जनाबे आली डबल इंजन सरकार आपका क्या होगा?
जांच का स्वागत तो सभी कर रहे हैं, मेरी पोस्ट का आशय अन्य आलोचकों की भांति यह कदापि नही कि रस ले लेकर किसी राजनैतिक दल की किरकिरी की जाए ! मेरा मकसद केवल यह याद दिलाना है कि केंद और राज्य में एक ही पार्टी की सरकार है, इन्ही सरकारों ने किसानों की हत्या पर प्रचारित किया था कि किसान हिंसक आंदोलन कर रहे हैं! किंतु इन सरकारों के द्वारा गठित SIT जांच कमेटी स्पष्ट कह रही है कि शांतिपूर्वक धरना दे रहे किसानों पर भाजपा के गुंडों द्वारा किया गया हमला पूर्वनियोजित था!
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