हमारे *हिंदू धर्म* की रक्षा हम खुद कर लैंगे, क्योंकि हमारा हिंदुत्व कोई कुम्हड़ बतिया नही जो तर्जनी देख कर मुर्झा जाए ! हम भली भाँति जानते हैं कि अतीत में अनेक असभ्य बर्बर और हिंसक लुटेरों ने भारत को लूटा खसोटा, हमारे धर्मग्रन्थों को जलाया, हमारी कला,संस्कृति और ज्ञान -विज्ञान की विधा के उन्नयन को बाधित किया! हमारे मंदिर तोड़े,अपना धर्म परिवर्तन नही करने वाले हमारे पूर्वजों पर हमलावर कबीलों ने कल्पनातीत अत्याचार किये! क्योंकि हमारे पूर्वज अहिंसा,बसुधैवकुटुम्बकम्,दया,प्रेम के अनुगामी थे, इसलिए असभ्य बर्बर हिंस्र दुष्टों को इस देश पर कब्जा करने का मौका मिल गया!
कुछ राजाओं, सामंतों,तत्कालीन शासकों ने भले ही अपनी बेटियों के डोले मुगलों के हरम में भेजकर कायरतापूर्ण हरकत की होगी,किंतु तत्कालीन हिंदू जनता ने,राणा प्रताप,वीर शिवाजी जैसे शूरमाओं का संबल पाकर,समर्थ रामदास और भक्तिकालीन गुरुओं का अनुसरण कर अपना हिंदुत्व अक्षुण रखा! भले ही तब भाजपा और संघ परिवार नहीं थे, हमारा धर्म बचाने के लिये!
अंग्रेज सरकार की गुलामी से लड़ते हुए शहीद हुए करोड़ों हिंदुओं की दास्तान पर तो एक करुणापूर्ण महाकाव्य लिखा जा सकता है! सन्1947 में आजादी मिलने और भारत विभाजन के दौरान जो नर नारी कत्ल किये गये वे अहिंसावादी और शाकाहारी* ही थे! इस महाविकट हिंदू नर संहार को कोई नही रोक पाया, न कांग्रेस, न महात्मा गांधी, न सरदार पटैल और न कोई हिंदुवादी कागजी संगठन!
रक्तरंजित आजादी के बाद कांग्रेस भ्रष्टाचार का रूप आकार बनती चली गई! बेशक उसने हिंदुओं के लिये कुछ नही किया,किंतु धर्मनिरपेक्षता के लिये जो कुछ बन सका वो किया!सदियों से लुटे पिटे एक नव स्वाधीन देश को जितना भी संभव था, उतना विकास किया गया! किंतु सदियों तक गुलामी भोगने वाले हिंदू समाज को कट्टर होने का कोई मौका नही दिया गया! अधिकांस हिंदू नर नारी धर्मनिरपेक्ष और अहिंसावादी ही बने रहे! किंतु विश्व इस्लामिक आतंकवाद के हमलों और पाकिस्तान की हिंदू विरोधी नीति ने,भारत के बहुसंख्यक हिंदु समाज को लोकतंत्र की जाजम पर बलात् धुर्वीक्रत होने के लिये मजबूर कर दिया! परिणाम स्वरूप 1984 में जिस भाजपा के सिर्फ दो सांसद हुआ करते थे,आज वही भाजपा प्रचंड बहुमत के साथ केंद्रीय सत्ता में विराजमान है! यह सब हिंदू विरोधी इस्लामिक आतंकवाद,कांग्रेस कुशासन और भ्रष्टाचार का कुफल है!
अत्यंत दुख की बात है कि *खाया पिया चार आना और ग्लास फोड़ा बारह आना * वाली % कहावत चरितार्थ हो रही है! गरीब हिंदुओं की मदद करने, गरीब किसानों की मदद करने या गरीब बेरोजगारों की मदद करने के बजाय - 7-8 साल से सिर्फ भाजपाईयों की, अंबानियों की,अडानियों की और संघ वालों की चांदी है!जो हिंदू पहले गरीब था, अब और ज्यादा गरीब है और जो टटपुंजिया अमीर थे, वे अब एशिया के सबसे बड़े अमीर हैं! मोदी सरकार पर हिंदुत्ववादी होने का तमगा कोरा काल्पनिक नेरेटिव ही है!
हिंदुओं को मुसलमानों से डराकर देश के छद्म हिंदू राज्यसत्ता सुख भोग रहे हैं!जैसे अतीत में अय्याश मुस्लिम शासकों ने दीन या "इस्लाम खतरे में है" का नारा देकर सारे एशिया और यूरोप को सदियों तक लूटा!
बेशक आप की पूंजीवादी नीतियां,पूंजीवादी लूट खसोट की व्यवस्था आपको मुबारक ! किंतु आपका हिंदुत्ववादी होने कादावा झूँठा है ! यदि आप देश में बाकई अमन चैन और विकास चाहते हैं तो मेहरबानी करके भारत के सच्चे राष्ट्रवादी-मजदूरों और किसानों को आतंकी,नक्सली और खालिस्तानी सिद्ध करने की साजिशें बंद कर दीजिये! क्योंकि ये अधिकांस किसान मजदूर हिंदू ही हैं,सिख हैं!यदि कोई मुस्लिम या अल्पसंख्यक भी मेहनतकश मजदूर है, किसान है, तो उसकी राष्ट्रनिष्ठा पर कोई सवाल ही नही उठता ! क्योंकि दुनिया के मजदूर किसान पैदाइशी धर्मनिरपेक्ष होते हैं! यकीन न हो तो मुंशी प्रेमचंद की *पंच परमेश्वर* फिर से पढ़ लें!
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