शनिवार, 11 दिसंबर 2021

"तारक मेहता का उल्टा चश्मा"

 "तारक मेहता का उल्टा चश्मा" के "जेठालाल" के माध्यम से ओछी मानसिकता वाले पुरुषों पर व्यंगात्मक गीत ;-

सुन लो आशिक जेठालाल !
छोड़ 'दया' की फिक्र 'बबीता',
की क्यों करते 'जेठालाल'?
रोज़-रोज़ समझाता हारा,
बापू अपना 'चंपकलाल'।
गुस्से में है 'अय्यर' देखो,
पीछे पड़ा खींचने खाल।
क्या तुम उनके प्रतिघातों से,
कभी न डरते 'जेठालाल'।
देखो तो 'पोपट' ने अब तक,
नहीं रचाया अपना ब्याह।
फिर भी देख गैर नारी को,
कभी न भरता वह तो आह।
और तुम्हारी पत्नी होकर,
आहे भरते 'जेठालाल'।।
देखो-देखो 'हाथीभाई'
'सोडी' 'तारक' 'आत्माराम'।
करते नहीं तुम्हारे जैसे,
वे कोई भी ओछे काम।
छोड़ो ऐसी हरकत तुम, ये-
इज्जत हरते 'जेठालाल'।
सुन लो आशिक जेठालाल !


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