अभी तो अगहन के 15 दिन शेष हैं और ''पूस'' के पाँव पालने में ही नजर आने लगे हैं ! बेशक अमीरों को ठंड मुबारक ! लेकिन गरीब ,मजलूम,अनिकेतजन और असहाय बीमार बुजुर्ग सावधान रहें ,क्योंकि ''ठंड देवी' उनपर रहम नहीं करने वाली ! वे भगवान् के भरोसे न रहें क्योंकि भगवान् -ईश्वर -गॉड -अल्लाह हमेशा शक्तिशाली का ही पक्षधर होता है।
निर्धन मजदूर किसान,मजबूर इंसान या कोई अन्य सांसारिक देहधारी जीव और इस कड़कड़ाती ठंड के बीच होने वाली जंग में ईश्वर केवल ताकतवर का ही साथ देगा! याने जान लेवा ठण्ड का ही साथ देगा ! क्योंकि ऋतु चक्र और त्रिगुणात्मक प्रकृति उस ईश्वर के ही अधीन है!
गोस्वामी तुलसीदास जी इशारा कर गए हैं -
समरथ को नहीं दोष गुसाईं।
रवि पावक सुरसरि की नाईं।।
पाश्चात्य शदर्शन भी यही कहता है -
''ईश्वर उन्ही की मदद करता है जो खुद की मदद करते हैं ''!
अत: कुदरति आक्रमण के दौर में किसी से कोई अपेक्षा न रखते हुए :-
*अप्प दीपो भव *
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