जय आनंदम बनाम सरकारी आनंदम ''
१४ जनवरी २०१७ को मध्यप्रदेश के अधिकांस अखबारों में और टीवी चेनल्स पर 'विज्ञापन' के रूप में मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान की आकर्षक तस्वीर के साथ भावात्मक शब्दावली में उनकी एक विशिष्ठ 'अपील' प्रकाशित हुई थी ! कुल जमा दस लाइनों के विज्ञापन का सार यह था कि ''जरुरतमंद की सहायता करना पूण्य का कार्य है और १४ जनवरी-२०१७, मकर संक्रांति के पावन अवसर पर 'आनंदम' की अवधारणा का माननीय मुख्यमंत्री जी शुभारम्भ कर रहे हैं !" इस विज्ञापन को जिस किसी ने देखा हो वह अंतिम लाइन पर गौर फरमाएं ' आइये 'आनंदम' को सफल बनाने में अपना योगदान करें '! अब आनंदम कोई भौतिक रूप आकर की वस्तु तो है नहीं कि आदान-प्रदान की जा सके। वैसे भी मध्यप्रदेश की जनता ने विगत ११ साल से अपने मताधिकार का प्रयोग करके 'शिव परिवार' और संघ परिवार को केवल 'आनंदम 'ही तो दिया है। रहा सवाल सरकार द्वारा जनता को 'आनंदम लौटाने का तो 'नोटबंदी' और व्यापम जैसे बहुत से लड्डू हैं जो सरकार ने अतीत में देश की जनता को दिए हैं। ये बात जुदा है कि आम जनता उन अच्छे दिनों के लड्डुओं को न निगल पाई और न उगल पाई ।
माननीय शिवराजसिंह जी यशश्वी हों! दीर्घायु हों ! मकर संक्रांति २०२१ की अग्रिम शुभकामनाएं ! वे अपने इस गुरुतर कार्य याने 'आनंदम' के कार्यान्वन में सफल हों !हालाँकि अभी यह जाहिर नहीं किया गया कि इस मद में सरकार कितना खर्च करने जा रही है। यह कहना भी मुश्किल है कि इस 'आनदंम' रुपी अभियान का 'पुण्यफल' कौन -कौन खायेगा ? भाजपा और संघ परिवार तो पहले से ही चकाचक पूर्ण आनंदमय हैं । किन्तु यदि मध्यप्रदेश के नंगे -भूंखे लाखों बेघर सर्वहारा इस वक्त कड़कड़ाती ठण्ड में तत्काल एक-एक कम्बल और एक-एक सस्ता स्वेटर भी पा जाएँ तो उन्हें असीम 'आनंदम' की प्राप्ति होगी ! माननीय मुख्यमंत्री जी को 'पुण्यफल' अवश्य मिलेगा! कुछ खास 'आनंदम' उनकी पार्टी को भी प्राप्त होगा !
हालाँकि ''आनंदम' का यह महत कार्य स्वतःस्फूर्त रूप से 'Anandamindore' नामक संस्था विगत ११ साल से निरन्तर कर रही है। बिना किसी सरकारी मदद के ,बिना किसी देशी-विदेशी चन्दे के,बिना किसी तरह के प्रचार और ढिंढोरा पीटे सिर्फ सदस्यों के ऐच्छिक सहयोग से उनके नियमित योगदान से आनंदम इंदौर ने अनेक कीर्तिमान अर्जित किये हैं ! हालांकि मेरी पत्नी की गंभीर बीमारी और स्वयं अश्थमेटिक और एलर्जी पीड़ित होने के कारण आनंदम इंदौर से न चाहते हुए भी मेरा सम्पर्क टूट गया। ..
''आनंदम' की इस महती अवधारणा को इंदौर के सीनियर सिटीजन्स बहुत पहले ही ह्र्दयगम्य कर चुके हैं। मुझे गर्व है कि मैं स्वयं इस महान संस्था से जुड़ा रहा हूँ। माननीय मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंहजी को शायद मालूम न हो कि 'आनंदम' की इस अवधारणा को व्यापक रूप प्रदान करने में आनंदम इंदौर के साथी [सीनियर सिटीजन्स ] बहुत आगे हैं। उनके सूचनार्थ आनंदम इंदौर द्वारा किये जाने वाले कुछ कार्यों का ब्योरा इस प्रकार है :-
१-आनंदम इंदौर द्वारा वेरोजगार निराश्रित महिलाओं को 'मा शारदा मठ ' के सहयोग से स्वरोजगार और कुटीर उद्द्योग का प्रशिक्षण दिया जाता है। उन्हें यथासम्भव सिलाई मशीन ,और अन्य उपकरणों की निशुल्क आपूर्ति भी यथासम्भव की जाती है।
२-निर्धन -निराश्रित बच्चों ,रोजनदारी मजदूरों के बच्चों ,झुग्गी झोपड़ियों के रहवासी बच्चों को निशुल्क शिक्षा की व्यवस्था,यूनिफॉर्म,बुक्स और भोजन की व्यवस्था की जाती है।
३- जिस क्षेत्र में आनंदम [स्कीम-७४ विजयनगर,इंदौर] ट्रस्ट ने किराये का भवन ले रखा है ,उस क्षेत्र में समुचित साफ़ सफाई की निगरानी ,सार्वजनिक जागरूकता और नैतिक सजगता के लिए आनंदम इंदौर की सक्रिय है !
४- आनंदम के अधिकांस सदस्य 'सीनियर सिटीजन्स' ही हैं। अधिकांस के पुत्र-पुत्रियाँ बाहर हैं। कुछ के तो विदेश में ही बस चुके हैं ,आनंदम इंदौर द्वारा सभी को बेहतर जीवन जीने का उचित मार्गदर्शन मिलता है।
५-सभी आनंदम सदस्यों का 'जन्मदिन' संस्थागत रूप से और शानदार ढंग से मनाया जाता है। आनंदम में ५५ से ९२ वर्ष तक की आयु के सदस्य हैं ,आनंदम में सभी बुजुर्ग सदस्यों को युवाओं जैसा प्रोत्साहन मिलता है। कोई भी अपने आपको कभी भी अकेला महसूस नहीं करता !
६-आनंदम के सदस्यों में कुछ सेवानिवृत उच्चाधिकारी भी हैं ,वे सभी अपने हुनर और काबिलियत से देश के बड़े-बड़े डॉक्टर्स को हर महीने 'आनंदम' बुलाते हैं। अभी तक मेदान्ता के डॉ नरेश त्रेहन,अपोलो के डॉ प्रताप रेड्डी ,डॉ राव डॉ भरत रावत और विभिन्न मर्ज के विशेषज्ञ नामचीन्ह डॉक्टर्स ने 'आनंदम'के सदस्यों को अपनी सेवाएं 'मुफ्त' में प्रदान की हैं। मेदांता,अपोलो और कनक जैसे कई हॉस्पिटल्स हैं ,जिनके बेहतरीन डॉक्टर्स आनंदम इंदौर को यथासम्भव सहयोग कर रहे हैं।
७ - सीनियर सिटीजन्स द्वारा स्थापित और उन्ही के द्वारा संचालित आनंदम इंदौर में हर माह कथा -कविता-कहानी और साहित्यिक गतिविधियों का आयोजन नियमित होता रहता है। यहाँ एक लायब्रेरी भी है।
८- आनंदम इंदौर में भजनसन्ध्या , ध्यान योग ,ज्ञानामृत सत्संग,फिजिकल फिटनेस बावत योगा और बुर्जगों के लिए शतरंज इत्यादि खेलों की भी व्यवस्था है।
९- आनंदम इंदौर द्वारा महीने में एक बार गीत -संगीत निशा का शानदार आयोजन हुआ करता है। हर धर्म-मजहब का प्रत्येक त्यौहार यहाँ हर्ष उल्लाश से मनाया जाता है।
१०- आनंदम इंदौर द्वारा तीर्थाटन और अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों के निमित्त टूर आयोजन भी किये जाते हैं।
एमपी गवर्मेंट यदि चाहे तो आनंदम इंदौर से प्रेरणा ले सकती है। आनदं इंदौर उनकी पर्याप्त मदद कर सकता है। ''Anandamindore' के अध्यक्ष श्री नरेन्द्रसिंहजी [सेवानिवृत एक्साइज कमिश्नर] तो पद्मश्री पाने के हकदार हैं। श्री सूरज खंडेलवाल जी,वासुदेव लालवानी जी,मिस्टर पिंटू भाटिया और मिसेज भाटिया एवं श्री विजय शर्मा जी जैसे उद्भट विद्वान और समाजसेवी तो प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार द्वारा सम्मानित किए जाने के हकदार हैं। अन्य पदाधिकारियों और सदस्यों में भी समाज सेवा का अविरल भाव है। उनसे संपर्क कर समाज और राष्ट्र के लिए और अधिक लाभ उठाया जा सकता है !
श्रीराम तिवारी !
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