रविवार, 19 दिसंबर 2021

नास्तिक ही सच्चा आस्तिक होता है!

 दुनिया में कोई चाहकर भी नास्तिक नही हो सकता! क्योंकि ईश्वर सर्वशक्तिमान है,यत्र तत्र सर्वत्र व्याप्त है और दयालु है,यदि ईश्वर का बाकई अस्तित्व है,तो वह नास्तिक के अंदर भी मौजूद है ! दुनिया में जितने भी सामाजिक,आर्थिक, राजनैतिक ,जागतिक अपराधी हैं,उनमें से अधिकांश पूजा पाठ-जप तप करने वाले तथाकथित आस्तिक होने का दावा करने वाले ही होते हैं!

जबकि नास्तिक को किसी अंध आस्था या मजहबी संगठन बनाकर आतंक फैलाने की जरूरत नही! नास्तिक इंसान को सिर्फ नैतिक मूल्यों और मानवतावादी व्यवहार का ख्याल रखना होता है! नास्तिक व्यक्ति को किसी धर्म को बचाने की फिक्र नही होती!इसलिये वह किसी भी धरम मजहब नफरत नही करता! वह अंध आस्था के मूर्खों और साम्प्रदायिक मरजीवड़ों से नही डरता!
नास्तिक सारे संसार का, प्राणीमात्र का हितू होता है! और चूंकि यह सारा जगत ईश्वरमय है, इसलिये परोक्ष रूप से नास्तिक ही सच्चा आस्तिक होता है!

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