किसी सर्विस सेक्टर में कॉर्पोरेट जगत का बाजारीकरण कितना घटिया है,यह जानने के लिये हमें Reliance जियो की प्रारंभिक मोबाइल सेवाको हमेशा याद रखना चाहिये!
जब हम चीख चीख कर कह रहे थे कि देश के GSM उपभोक्ताओं को भारत की प्रमुख सार्वजनिक उपक्रम) BSNL को एडवांस तकनीक आधारित मोबाइल सर्विस प्रदान करने का अवसर दिया जाए, तब अटल बिहारी सरकार के कुख्यात संचार मंत्री और विनिवेश मंत्री प्राइवेट सेक्टर के ऑपरेटर्स को मुफ्त में लाइसेंस दे रहे थे और स्पेक्ट्रम बांट रहे थे!
दूसरी ओर तत्कालीन एनडीए सरकार और उसके सलाहकार अद्यतन मूल्यबर्धित सेवाएं देने के लिए BSNL को बाधित कर रहे थे!
जब सत्ता का समर्थन पाकर रिलायंस जियो ने शुरुआत में फ्री GSM सिम बांटी,तब भी देश के जागरुक जनप्रतिनिधियों ने संसद और सरकार के समक्ष इतराज जताया,और आगाह किया कि सरकारी टेलिकाम कंपनी देशके हितमें बहुत ज़रूरी है!क्योंकि मुनाफा खोर प्रायवेट कंपनियों द्वारा दी जा रही फ्री फंड की GSM टेलिकाम सर्विस एक प्रकार का प्रोपेगंडा है, जिसके नाटक का अंत शीघ्र होगा!
विगत दिनों सभी Private operators ने एक ही दिन मे अपना tariff 40-50 % तक बढ़ा दिया है. 2016 से telecom में कम से कम tariff होते जा रहा थे,जो नई कम्पनी आयी थी,लगा था कि अब तो सब कुछ फ्री ही फ्री! बहुत लोगों को लगा कि पहले की सरकारी कम्पनी लैंड लाइन सेवा में लूट रही थी,अब कोई सुपरमेन(अंबानी) बचाने आ गया है,वो भी बैंक से लाखों करोड लोन लेकर ,तथाकथित समाजिक सेवा करने के लिए!
अब फ्री से सस्ता क्या होता है? प्रतिस्पर्धा (Competition) खत्म होती गई और 2021 तक आते आते telecom कम्पनी 14 से 4 पर आ गयी! लोगों को data का लत लगा दिया गया! कितनी नई नई विदेशी कम्पनी का जलवा हो गया,जो youtube कभी देखे भी नहीं थे सारे दिन youtube से जुड गए tictok आदि का craze हो गया साथ में सारा देश मोबाइल की परिधि में आ गया!
मानव जीवन का प्रत्येक व्यवहार online हो गया ! अब जब लगा कि अब तो लत लग चुकी और लोग चाहे कितना भी रेट बढाया जायेगा लोग recharge करेंगे ही तो अब रेट बढ़ने लगा. यही होना था!
अब रेट तेजी से बढ़ रहे हैं, सभी लोगों की आवश्यकता बदल चुकी है!आटा ना रहे तो चलेगा data रहनी चाहिए ! एक virtual दुनिया से लोगों को ज़ोडा जा चुका है जहां संवेदना भी virtual है ज़िसे लाइक कमेंट और शेयर से ज़ोडा जाता है!
data क्रांति ज़रूरी थी! लेकिन सही मायने में उम्मीद थी कि ऑनलाइन सुविधा ज्यादा से ज्यादा बढेगी,ज़िससे की crupption पर रोक लगे! लेकिन ये एक ऐसी लत लगा दी गई कि बेरोजगार अपने career से ज्यादा data limit खत्म करने पर ध्यान देने लगे! किस data content पर कितना data consume होता है उसकी study होनी ज़रूरी है,एक स्वस्थ समाज के लिए!
tariff रेट बढ़ने की आशंका सबको थी,क्योंकी सभी private कंपनी मुनाफा कमाने के लिए टेलीकाम सेक्टर में आई हैं! हैं! हमारे सीनियर लीडर लगातार चेतावनी देते आ रहे हैं कि यदि BSNL नही रहा तो ये प्रायवेट ऑपरेटर पेट्रोल एलपीजी की तरह टेलिकाम टैरिफ को 40% तो क्या 400% बढ़ा देंगे!
BSNL का मजबूत रहना देश हित मे बहुत ज़रूरी है. उम्मीद है कि ट्रेड यूनियनों के दबाव में केंद्र सरकार BSNL की प्रगति रफ्तार तेज करेगी और 4G SITES लगाने का काम तेज करेगी! सरकार को चाहिये कि BSNL को सबसे BEST NETWORK देकर जनता को सस्ती सुलभ और बेहतर सेवा प्रदान कराए,ताकि निजी क्षेत्र की लूट पर सरकार का नियंत्रण रहे! और टेलिकाम सैक्टर में बढ़ती जा रही लूट पर अंकुश लग सके!
कॉर्टेल बनाकर,टैरिफ बढ़ाकर, प्रायवेट टेलिकाम ऑपरेटर्स ने अपनी औकात बता दी! किंतु ताजुब्ब है कि उनकी इस हरकत को देश की जनता बरदास्त कर रही है !
श्रीराम तिवारी
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