अभी राष्टीय मुद्दों पर, किसान आंदोलन पर, बेरोजगारी और मेंहंगाई पर,बात करना याने कि भैंस के आगे बीन बजाने जैसा है!विकट अर्थिक संकुचन,नोंन,तेल,दाल,चावल,सब्जी टमाटर की मंहगाई पर चर्चा करना बेमानी है!
अभी तो महात्मा गांधी,पंडित नेहरु और अन्नदाता किसानों को गाली देने और तड़ीपारों की जय जयकार करने के अच्छे दिन आये हैं!अभी राष्टीय मुद्दों पर, किसान आंदोलन पर, बेरोजगारी और मेंहंगाई पर,बात करना याने कि भैंस के आगे बीन बजाने जैसा है!विकट अर्थिक संकुचन,नोंन,तेल,दाल,चावल,सब्जी टमाटर की मंहगाई पर चर्चा करना बेमानी है!
अभी तो महात्मा गांधी,पंडित नेहरु और अन्नदाता किसानों को गाली देने और तड़ीपारों की जय जयकार करने के अच्छे दिन आये हैं!
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