सोमवार, 4 अक्तूबर 2021

लोकतंत्र में आवाम कोल्हू का बैल साबित हो रही है

 मॉर्निंग वॉक के बाद कुछ डॉक्टर्स कार्नर पर चाय काफी पी रहे थे, दूर से एक दिव्यांग नुमा व्यक्ति लंगड़ाता हुआ चला आ रहा था।

एक डॉक्टर ने पुछा, "क्या हुआ होगा उसे?"
दूसरा डॉक्टर बोला, "शायद उसे Left Knee Arthritis है।".
तीसरा डॉक्टर बोला, "ना ना, मेरे हिसाब से उसे Plantar Facitis है।"
चौथा डॉक्टर बोला, "शायद उसे Ankle Sprain है।".
पाँचवा डॉक्टर बोला, "भाईयों, ज़रा ध्यान से देखो। वह आदमी एक पैर ठीक से नहीं उठा पा रहा है। यह शायद Foot Drop का मामला है। उसे Lower Motor Neurons की problem है।"
छठा डॉक्टर बोला, "मुझे तो यह Hemiplegia का Scissors Gate लग रहा है।"
सातवां डॉक्टर कुछ बोलता, तब तक वह आदमी उनके पास पँहुच चुका था। उसने सबसे बड़ी विनम्रता से पूछा, "यहाँ आसपास मोची की दुकान है क्या? वो क्या है कि मेरी चप्पल की बद्दी टूट गई है।"
हमारे देश के वर्तमान हालात कुछ ऐसे ही हैं। किसी को किसी विषय का ज्ञान हो या ना हो मगर वह ज्ञान ज़रुर बांट रहा है।
नतीजा ठनठन गोपाल... आवाम कोल्हू का बैल साबित हो रही है और चालाक लोग हुकूमत कर रहे हैं!

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