शनिवार, 30 अक्टूबर 2021

 पहले आयू में जो बड़ा हुआ करता था और चरित्र में श्रेष्ठ होता था,उसका सम्मान होता था!अब सत्ता के गलियारों में जिसकी पकड़ होती है,जो धत्कर्मों से कुछ धन संचित कर लेता है,जो रिस्वतखोर हो, जो बगुलाभक्त हो, जो जातिवादी,मजहबपरस्त हो राष्ट्रवादी होने का ढोंग करता हो,वही सम्माननीय है!

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