गुरुवार, 7 अक्टूबर 2021

वो ही सांचा पीर!

 भारत के गणतंत्र को, हुआ यक्ष्मा रोग!

राजनीति में आ घुसे,नकली बाबा लोग!!
जाति वर्ण मजहब धरम,आँच गहन गंभीर।
इनको जो शीतल करे, वो ही सांचा पीर!!
पूँजीवाद का सार है, कृषक मजूर की लूट !
राष्ट्र संपदा दोहन की,धन्ना सेठों को छूट !!

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