रविवार, 10 अक्तूबर 2021

आतंकी हिंसा दुर्भावनी है।

 इस दौर में कश्मीर की सूरत बेहद डरावनी है।

कश्मीरी वादियौं की सूरत भले ही लुभावनी है।।
हिंदुओं के हत्यारे आतंकी अड्डे यथावत कायम हैं ,
जबकि लाखों फौजी तैनात और विराट छावनी है।
धारा 370 हटी,राज्य विभाजन हुआ, किंतु
घाटी में शांति नदारद,आतंकी हिंसा दुर्भावनी है।
सूचना संचार माध्यम जनता को भले उपलब्ध न हों,
किंतु आतंकियों का नेटवर्क महा दुखदायनी है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें