इस दौर में कश्मीर की सूरत बेहद डरावनी है।
कश्मीरी वादियौं की सूरत भले ही लुभावनी है।।
हिंदुओं के हत्यारे आतंकी अड्डे यथावत कायम हैं ,
जबकि लाखों फौजी तैनात और विराट छावनी है।
धारा 370 हटी,राज्य विभाजन हुआ, किंतु
घाटी में शांति नदारद,आतंकी हिंसा दुर्भावनी है।
सूचना संचार माध्यम जनता को भले उपलब्ध न हों,
किंतु आतंकियों का नेटवर्क महा दुखदायनी है।
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