बुधवार, 20 अक्टूबर 2021

कार्तिक बतियात है!

 सरसों के फूल सजी धरा बनी दुलहन ,

अमलतास फूल झरें कार्तिक बतियात है!
बाजरा -ज्वार की गबोट खिली हरी भरी,
रबी की फसल थोरी उगत चली जात है !!
कहीं पै सिचाई होवै कहीं पै निराई होवै ,
सांझ ढले गांव खिरका में गैया रंभात है।।

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