शुक्रवार, 15 अक्तूबर 2021

बेरोजगारी का सर्वे

 1947 में आजादी मिलने के बाद यह पहली सरकार (मोदी सरकार) है जो अपने देश में न तो बेरोजगारी का सर्वे कराती है और न बेरोजगारी के आंकड़े प्रकाशित कराती है! क्यों न हो? करोड़ों गरीबों की गरीबी भुखमरी दिखाने से तो सरकार की बदनामी होगी! अंबानी,अडानी,दिलीप बिल्डकान की संपत्ति बढ़वाने से न केवल बम्फर पार्टी फंड,न केवल चुनाव फंड,बल्कि सत्ताधारी नेताओं को खर्चा पानी भी मिलता है,जबकि बेरोजगारों,गरीबों और किसानों का मुँह बंद करने के लिए, पुलिसिया कार्यवाही का भरपूर इंतजाम है !

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें