कन्नड़ फिल्म हीरो पुनीत_राजकुमार को श्रद्धांजलि :
रविवार, 31 अक्तूबर 2021
कन्नड़ फिल्म हीरो पुनीत_राजकुमार को श्रद्धांजलि :
होमी जहांगीर भाभा :-
एक मित्र की पोस्ट से जानकारी मिली कि आज वैज्ञानिक होमी जहांगीर भाभा का जन्मदिन है । यह भी जान सका कि कुछ समय पहले दिवंगत हुए कम्युनिस्ट नेता गणेशशंकर विद्यार्थी ने अपने छात्र जीवन में उन्हें पटना बुलवाया था । दिलचस्प घटना यह थी कि विद्यार्थी जी के पास कोई वाहन नहीं था , जिससे भाभा को सभास्थल पर ले जा सकें । आयोजकों की दुविधा भांपते हुए भाभा पैदल ही सभास्थल चलने केलिए तैयार हो गए । गए भी । इस घटना को पढ़ते हुए मेरी आँखे उनके सम्मान में नम हो गईं ।
शनिवार, 30 अक्तूबर 2021
सो हाँजू-हाँजू कइये!
ऊँट बिलइया लै गई,
शुक्रवार, 29 अक्तूबर 2021
*जबरा मारे और रोने न दे*
केन्द्र में जब डॉ.मनमोहनसिंह की सरकार थी,तब देश की समस्याओं के बारे में अन्ना हजारे,स्वामी रामदेव और अन्य बाबाओं के बयान रोज आते थे! तब रेप कांड पर तमाम भाजपा नेत्रियाँ चूड़ियां भेंट करने को तैयार रहा करतीं थीं! किंतु अब लगता है देश में सब कुशल मंगल है, कोई भ्रष्टाचार नही,कहीं रेपकांड नही!इसलिये अंधभक्तों के मुँह पर ताले लगे हैं!
परंपरा कैसे जन्म लेती है...?
एक कैम्प में नए कमांडर की पोस्टिंग हुई....
मेरा सभ्य समाज बताओ!!
ऐसे में कैसे सुधरेंगे घर के रीतिरिवाज बताओ!
गुरुवार, 28 अक्तूबर 2021
कुछ लोग उपहार देने पर प्रिय बनते हैं,
प्रियो भवति दानेन प्रिय वादेन चापरः।
-अब कोई बताए कि क्या किया जाए?
*:-अब कोई बताए कि क्या किया जाए?
न्यूनतम संसाधनों की आपूर्ती होना ही चाहिए।
कालेधन वालों को सत्ता संरक्षण नहीं,
बुधवार, 27 अक्तूबर 2021
ये शब्द कहीं नही मिले
मैने संस्कृत वाँग्मय के अधिकांस आर्ष और समृति ग्रंथों का काफी अध्यन किया है! किंतु ये शब्द कहीं नही मिले जो आजकल बहुतायत से प्रयुक्त हो रहे हैं :- अल्पसंख्यक, हिंदू,पटाखा,बारूद,आलू,टमाटर,प्याज और रोटी जैसे कई शब्द मुझे कहीं नही मिले !
*अपरिग्रह*
भारतीय आध्यात्मिक दर्शन में *अपरिग्रह* की महिमा का खूब बखान किया गया है! किंतु उसका पालन शायद ही कभी किसी ने ठीक ठाक किया हो! यदि इस नैतिक और आध्यात्मिक सिद्धांत का समुचित पालन किया गया होता,तो भारत में इतनी दयनीय सामाजिक -आर्थिक विषमता नही होती! और तब किसी संघर्षपूर्ण विप्लवी क्रांति की आवश्यकता ही नही होती! दरसल अपरिग्रह सिद्धांत फैल नही हुआ, बल्कि भारत के मूल और बहुसंख्यक समाज ने ही तमाम नैतिक और आध्यात्मिक मूल्य विस्म्रित कर दिये हैं, इसलिये अब सर्वहारा क्रांति के अलावा कोई और विकल्प शेष नहीं रहा!
सोमवार, 25 अक्तूबर 2021
आइंदा २०२४ में सत्ता परिवर्तन नहीं होगा
मेरा अंदाजा अर्थात अनुमान आम तौर पर सही बैठता है। अभी एक सप्ताह पहले मैंने फेसबुक पर पोस्ट डाली ,की अभी दीवाली तक मानसून नहीं लोटेगा। लेकिन मौसम विभाग के तनखैया [फोकटिये] अधिकारियों ने डिक्लेयर कर दिया कि १३ अक्टूबर को मानसून की वापिसी हो जायेगी। किन्तु इस घोषणा के३-४ दिन बाद सारे देश में इतना पानी गिरा की केरल महाराष्ट्र उड़ीसा बंगाल और बिहार में तो हाहाकार मच गई।
खैर ! मेरा मकसद आत्मप्रशंसा कतई नहीं है ,मेरा निवेदन यह है कि कई बार दिग्गज वैज्ञानिकों, राजनीतिज्ञों और कूटनीतिज्ञों कि भविष्य वाणी गलत हो जाया करती है,किन्तु मेरे जैसे साधारण आम आदमी के अनुभव कि बात सही निकल जाती है।
जैसे कि मेरे वैचारिक हमसोच मित्र और मौजूदा विपक्षी पार्टियां -किसान आंदोलन,बेरोजगारी,ध्वस्त अर्धव्यवस्था और महंगाई के मुद्दे पर जन आक्रोश को लेकर उत्साहित हैं कि आगामी २०२४ में केंद्र कि सत्ता में परिवर्तन होकर रहेगा। किन्तु मेरा मानना है कि यदि विपक्षी दल भाजपा की गलत आर्थिक और सामाजिक रीति नीति का इसी तरह अंध विरोध करते रहे,तो भाजपा का हिन्दू वोट बैंक और मजबूत होता चला जायेगा। वे २०२४ में भी प्रचंड बहुमत से जीतेंगे। क्योंकि कटटर इस्लामिक आतंकवाद ने अधिकांश हिन्दुओं को मजबूर कर दिया है कि वे भले ही गरीबी भुखमरी से मर जाएं,लेकिन विधर्मिओं के पैरोकारों को देश कि सत्ता पर काबिज नहीं होने देंगे।
हालाँकि न तो सारे मुस्लिम कट्टरवादी हैं और न सारे हिन्दू वतनपरस्त हैं। फॉल्टी दोनों कौमों में हैं। जो कट्टर हिंदूवादी हैं ,उन्हें गलत फहमी है कि वे हिन्दू जो भाजपा या संघ परिवार से नहीं जुड़े वे सब के सब देशद्रोही हैं। दिखावटी हिन्दुवाद सत्ता का सामीप्य तो पा सकता है ,किन्तु बिना धर्मनिरपेक्षता के कोई व्यक्ति या विचारधारा,नेता या पार्टी राष्ट्रहितसाधन नहीं कर सकती,भले ही सत्ता हासिल कर सकती है। सबको मालूम हैं कि धर्मनिरपेक्ष हिन्दू और धर्मनिरपेक्ष मुसलमान ही असली राष्ट्र भक्त है। कटटर इस्लामिक आतंकवाद इंसानियत का खून कर सकता हैं। किन्तु अपने मुल्क कि हिफाजत नहीं कर सकता। इसी तरह कट्टर हिन्दू लोग भी धर्मनिरपेक्ष हिन्दुओं को नास्तिक कह कर उनका अपमान करते हैं। किन्तु मौजूदा दौर में धर्मनिरपेक्ष ताकतें बहुत कमजोर हैं जबकि मजहवी ताकतें और कारपोरेट ताकतों का गठजोड़ बहुत ताकतवर हैं अतएव उनको परास्त कर पाना संभव नहीं हैं। भारत में हिंदूवादी दक्षिणपंथी पूंजीवादी ताकतें तब तक सत्ता में रहेंगी जब तक भारत और भारत के बाहर- देश विरोधी,अलगाववादी आतंकवादी ताकतें भारत के खिलाफ षड्यंत्र करती रहेंगी। इसी आधार पर मैं घोषणा करता हूँ कि आइंदा २०२४ में सत्ता परिवर्तन नहीं होगा,भाजपा एनडीए गठबंधन ही सत्ता में रहेंगे।
अधूरा ज्ञान खतरना होता है।
पाण्डव पाँच भाई थे जिनके नाम हैं -