सच्चाई और न्याय के रास्ते पर भीड़ नहीं होती :-
सच और ईमानदारी बोलना पड़ता। सदैव सशंकित नहीं रहना पड़ता। सत्पथ पर अग्रसर मानव को परा शक्ति की दासता का भय नहीं रहता। देवता तो क्या शैतान की भी हैसियत नहीं कि ऐंसे नरपुंगव -सत्यानुरागी का बाल -बाँका कर सके ।
इस रास्ते पर चलने का सबसे बड़ा फायदा ये है कि इस रास्ते पर ज्यादा भीड़ भी नहीं होती। जो असत्य आचरण में लिप्त हैं ,उन्हें यह पथ बेहद डरावना और कंटकाकीर्ण नजर आता है ,किन्तु न्याय -समानता -मानवता और सच्चाई से लेस क्रांतिकारियों को यह पथ अति सुगम ,मनोरम और खुशनुमा हरी-भरी वादियों से गुजरते हुए 'स्वर्गारोहण'जैसा है। जिसे यकीन न हो आजमा कर देख ले !
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