परिंदे हौसला कायम रख ,उड़ान जारी रख,
हर इक निगाह तुझ पर है ,ध्यान मानी रख।
बुलंदियाँ तेरी हिम्मत को आजमाएँगीं,
परों में जान रख, नजर को आसमानी रख।
परिंदे कई उड़े पहले , भटककर राह भूले ,
लौटकर नहीं आये,याद उनकी निशानी रख।
दहक़ता आसमाँ कहीं, बादल अँधेरा घुप्प ,
चमकती बिजलियाँ होंगीं,पुरुषत्व पानी रख।
भेदकर धुंध के उस पार,तेरा विहंगावलोकन ,
सितारों से आगे जहाँ और याद जुबानी रख !
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