अफगानिस्तान पर कब्जा कर चुकने के बाद तालिवानी पाकिस्तान और भारत के कश्मीर क्षेत्र में पैर पसारेगें! वे खालिस्तानियों को भी जिंदा कर सकते हैं! और कश्मीर के कुछ कट्टरपंथी तत्व भारत के साथ गद्दारी करते हुए, तालिवान अलकायदा और आई एस आई का दामन थाम सकते हैं!
इस्लामिक आतंकवाद की प्रतिक्रियास्वरूप इनकी बेजा हरकतों से तंग आकर भारत का बहुसंख्यक हिंदू समाज धुर्वीक्रत होगा! वह ज्यादा से ज्यादा एकजुट होगा ! परिणाम स्वरूप यहां जनता के ज्वलंत सवालों से ध्यान हटाकर-शासक वर्ग इस्लामिक आतंक और तालिवान के बहाने हिंदुत्व का आह्वान कर सकता है! इस तरह दोनों और कट्टरपंथी जमावड़े खड़े मिलेंगे! और फिर महाविनाश को कौन रोक सकता है?
अत: भारत को मजबूती से धर्मनिर्पेक्षता पर अडिग रहकर दोनों ओर के कट्टरपंथियों से लड़ने के लिये तैयार रहना होगा!
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