सोमवार, 16 अगस्त 2021

कुर्बानियों का सिलसिला गर्वीला है!!

 धन धान्य से भरपूर यह राष्ट्र,

कतिपय अमीरों का चरागाह,
फिर भी आँसुओं से गीला है !
बिहार बुंदेलखंड झारखंड और,
छ.ग. के गांवों को गौर से देखो,
हरेक चेहरा पिचका और पीला है ।।
बड़े बड़े नगरों को स्मार्ट सिटी,
केवल कमीशनबाजी का पसारा है,
गांवों और कस्बों में प्रशासन ढीला है !
बढ़ती जा रही है भीड़ बेकारों की,
तरुणाई देश की है किंंकर्तव्यविमूढ़,
नजरिया नव शासकों का जहरीला है !!
स्वाधीनता संग्राम के दीवानों ने,
कुर्बानी दी क्रांति की मशाल जलाई,
किंतु भ्रस्ट तंत्र निक्रष्ट और गुबरीला है!
शहीद भगतसिंह ने फांसी के तख्ते से,
लगाया था नारा कि -इंक्लाब जिंदाबाद,
वेशक कुर्बानियों का सिलसिला गर्वीला है!!
संघर्ष के दौर में जीने की राह दिखाई,
जिन विभूतियों ने अमर शहीदों ने
बताया मार्ग कंटकाकीर्ण पथरीला है !
साक्षर युवाओं को नैतिक शिक्षा मिले,
और सबको शिक्षा सबको काम मिले,
यही तमन्ना है,बाकी सत्ता की लीला है!!

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