गणतंत्र हुआ धनतंत्र -महान।
धर्मनिरपेक्षता हुई कुर्बान। ।
मुफ्त में क्या कोई किसी को,
यूँ ही चढ़ा देगा परवान।
विदेशी पूँजी या भीख से ,
नहीं बनेगा भारत महान।।
सीमाओं पर अशांति निरंतर,
सागर में नित नए तूफ़ान।
नेताओं के सैर सपाटे ,
अमेरिका दक्षेश जापान।।
महँगाई कालाबाजारी ,
रिश्वत का नहीं कोई निदान।
अमीर ज्यादा हुआ अमीर ,
असुरक्षित हैं मजदूर किसान।।
वापिस लाएंगे काला धन ,
चुनावों में किया था बखान।।
अब पानी पी-पी कर कर रहे ,
नेता पी पी पी का गुणगान।
बिक रहे जल-जंगल -जमीन ,
फलता फूलता माफिया महान । ।
एकजुट संघर्ष के सिवाय अब,
और कोई विकल्प नहीं आसान।
गणतंत्र हुआ धनतंत्र -महान।
श्रीराम तिवारी
धर्मनिरपेक्षता हुई कुर्बान। ।
मुफ्त में क्या कोई किसी को,
यूँ ही चढ़ा देगा परवान।
विदेशी पूँजी या भीख से ,
नहीं बनेगा भारत महान।।
सीमाओं पर अशांति निरंतर,
सागर में नित नए तूफ़ान।
नेताओं के सैर सपाटे ,
अमेरिका दक्षेश जापान।।
महँगाई कालाबाजारी ,
रिश्वत का नहीं कोई निदान।
अमीर ज्यादा हुआ अमीर ,
असुरक्षित हैं मजदूर किसान।।
वापिस लाएंगे काला धन ,
चुनावों में किया था बखान।।
अब पानी पी-पी कर कर रहे ,
नेता पी पी पी का गुणगान।
बिक रहे जल-जंगल -जमीन ,
फलता फूलता माफिया महान । ।
एकजुट संघर्ष के सिवाय अब,
और कोई विकल्प नहीं आसान।
गणतंत्र हुआ धनतंत्र -महान।
श्रीराम तिवारी
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