शनिवार, 4 अक्टूबर 2014



   सूर -सूर तुलसी शशि ,उडगन केशवदास।

  अबके कवि खद्दोत सम ,जहँ-तहँ करहिं प्रकाश।।


                   
 हिंदी आलोचना साहित्य के  शिखर पुरुष;- आचार्य रामचन्द्र शुक्ल   की जयंती पर कोटिशः नमन !

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें