इंकलाब ज़िंदाबाद !
progressive Articles ,Poems & Socio-political -economical Critque !
गुरुवार, 23 अक्तूबर 2014
यों रहीम गति दीप की ,कुल कपूत गति सोय।
वारें उजयारो करे , बढे अंधेरो होय। ।
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