शुक्रवार, 10 अक्टूबर 2014




    खूँखार   तालिवानियों  की गोलियों और गालियों की परवाह किये बिना पाकिस्तान में महिलाओं और बच्चियों की शिक्षा -सुरक्षा के लिए धृणसंकल्पित मलाला युसूफ जई और भारत में बाल मजदूरों -बालस्वास्थ्य -बाल्य अधिकार के लिए संघर्ष का नेतत्व करने वाले  कैलाश सत्यार्थी  को संयुक्त नोबल शांति पुरूस्कार  के लिए नामित किये जाने पर लख -लख  बधाइयाँ !

    आज जबकि   भारत पाकिस्तान के कुछ गुमराह लोग  अपने-अपने वतन को युद्ध की आग में झोंकने के लिए उत्ताउले  हो रहे हैं ऐंसी नाजुक घड़ी में दोनों देशों  में शांति के कपोत उड़ाने  की तमन्ना रखने वालों  को ,मानवता  की हिफाजत के लिए संघर्ष करने वालों को और  शोषण -अन्याय से मुक्त करने की जद्दोजहद करने वालों को यह एक गौरवान्वित करने वाली  खबर है कि   कामरेड मलाला युसूफ जई  और साथी कैलाश  सत्यार्थी  -  दोनों के दिलों में साम्प्रदायिकता   उन्माद के लिए कोई स्थान   नहीं है।  दोनों  को बहुत-बहुत शुभकामनाएं !
     
    श्रीराम तिवारी 

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