भारत में 'जन्मना जातीयता' कठोर सच्चाई है !जो कहता है 'मैं जातिवाद नही मानता' वह झूँठा है ! वास्तव में महात्मा बुद्ध,बाबा साहिब अंबेडकर और कार्ल मार्क्स की सभी शिक्षाएं जातीयता और वर्ग भेद के खिलाफ हैं! उनकी शिक्षाएं कोरी आदर्शोन्मुखी नहीं बल्कि इंसानियत की पक्षधर हैं!इन शिक्षाओं के प्रकाश में जातिवाद और धर्मांधता को कुछ हद तक द्रविभूत (Dilute) किया जा सकता है !
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