मंगलवार, 23 अक्टूबर 2018

मानव बनकर तो देखो!!

बाहर घासफूस का रावण क्या निहारता,
अपने अंदर अट्ठहास करते रावण को देखो!
मानवता को लज्जित करती सूर्पणखा सी,
मौत बनकर खड़ी बीच रैल पटरी पर देखो।!
खूब जलाये सदियों से लाखौं मानव दानव,
असली रावण कुंभकर्ण व मेघनाद को देखो।
फिर भी कायम चारों ओर झुण्ड असुरों के,
लुटते हुये चमन और लुटती निर्भयायें देखो!!
जब राष्ट्रवाद के अहिरावण को सत्ता दे दी,
लो  अब अठ्ठहास करते सत्तादल नेता देखो ।
हे रामके बगुला भक्तो तुम ये किसे जलाते ?
तो असली रावण छुट्टा सांड सींग मारते देखो।!
कालचक्र के हवनकुंड में स्वाहा हुए अनेकों नर
भूंख गरीबी महँगाई व  बदन बढ़ाती सुरसा देखो।
यदि नर हो जाये नारायण,भूभार हरण करने को,
कैसा ईश अवतार ? तुम मानव बनकर तो  देखो!!
श्रीराम तिवारी

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