मार्क्सवाद याने साम्यवाद का द्वंदात्मक वैज्ञानिक भौतिकवादी दर्शन कालजयी है!गरीब सर्वहारा वर्ग-मजूर किसान के लिये, शोषित समाजों के लिये,दुनिया में इससे बेहतर सामाजिक, राजनैतिक और आर्थिक विचारधारा अन्य कोई भी नही!किंतु खेद है कि भारतीय वामपंथ मार्क्सवादी दर्शन से ऊबकर अंबेडकरवादी होकर जातियतावाद के दल दल में डूबकर दिग्भ्रमित हो गया है!
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