शनिवार, 22 सितंबर 2018

जय जगदम्बे!

दुर्गापूजा से मेरा क्या है नाता!
निर्धनजन यह समझ न पाता!! 
तीज त्यौहार के दिनों मैं माता ,
महँगा ईंधन मंहगा सब्जी आटा!
शासक को कुछ गणित न आता,
दाल तेल चावल शक़्कर का माता!
अफसर मंत्री दलाल दुःखदाई,
किसान मजूर पैैं भारी माता !
सिस्टम कालकूट हरजाई माता!!
भूँख कुपोषण लाचारी में अंबे!
दिन होते जाते खुद लम्बे लम्बे!!
शोषण सिस्टम खत्म कर माता,
जय जय अम्बे जय जगदम्बे!!

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