सामान्य वर्ग की इस शिकायत में दम है कि उनके साथ कोई भी पार्टी नहीं है!सभी पार्टियां दलितों के साथ हैं! लेकिन इस भयानक स्थिति के लिये खुद सामान्य वर्ग के लोग ही जिम्मेदार हैं!उनसे किसने कहा था कि पूंजीवादी पार्टियों के झंडे डंडे उठायें?उनसे किसने कहा था कि आडवानी की रथयात्रा में शामिल हों,मंदिर के बहाने अयोध्या जाकर ढांचा गिरायें? किसने कहा है कि 'मोदी मोदी' के नारे लगायें?मोदीजी तो सामान्य वर्ग की ऐंसी तैंसी करने के लिये सुप्रीम कोर्ट का न्यायिक फैसला भी बदल देते हैं!सामान्य वर्ग के शोषित पीड़ित जन खुदऐंसी पार्टी क्यों नही बना लेते जो सभी जाति,सभी धर्म मजहब के लोगों के साथ समान न्याय करने की घोषणा करती हो!
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