आइंदा जब कभी मौजूदा दौर का इतिहास लिखा जाएगा तो यह अवश्य लिखा जायेगा कि 21 वीं सदी में जब उ.कोरिया से लेकर अमेरिका तक सारे मुल्क हाईड्रोजन बमों का परिक्षण कर रहे थे,जब जापान,फ्रांस,रूस, अास्ट्रेलिया जैसे देश तकनीक की दुनिया में सुपर पावर बन रहे थे,जब जनवादी चीन हर साल अपने यहां 1.25 करोड़ युवाओं को नौकरियाँ दे रहा था...तब भारतीय सत्तारूढ़ नेतत्व फ्रांस से आयातित 'राफैल' युद्धक विमानों की खरीदी पर दलाली खा रहा था!सरकार और पूंजीपतियों का जर खरीद पालतू मीडिया और बाबा स्वामियों के फ़र्ज़ी संगठन-भारतीय नागरिकों को गाय, गोबर, गोमुत्र,मंदिर-मस्जिद,तीन तलाक़,गौ रक्षा,लव जिहाद इत्यादि मुद्दों में जनता को बरगला रहे थे!सत्तापक्ष के ढपोरशंखी नेता जनताको दलित /सवर्ण जैसे गैर जरूरी मुद्दों में उलझाकर सत्ता के मजे लूट रहे थे!
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