शिकागो में श्रद्धेय मोहन भागवत जी ने हिंदुओं के बारे में जो कुछ कहा उससे किसी को इंकार नही! किंतु उनके चेले चपाटे तो कम्युनिस्टों,अल्पसंख्यकों को धाराप्रवाह गालियां बकते रहते हैं!संघ के नेता और कार्यकर्ता इस कदर की विक्षिप्त मानसिकता से ग्रस्त हैं कि विपक्षी दलों के हिंदुओं को भी हिंदु नही मानते!संघ की सोच वह नही है,जिसका उदुघोष मोहन भागवत जी शिकागो में कर रहे हैं!अपितु संघ की वास्तविक सोच वह है जो सोशल मीडिया पर हिंसक और उत्तेजक गालियों के रूप में वैतरणी की मानिंद रक्तपिपासु हो रही है!
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