सोमवार, 17 सितंबर 2018

नजर अपनीआसमानी रख।-[ Poem by -shriram tiwari]


परिंदे हौसला कायम रख!
अनवरत उड़ान जारी रख!!
हर इक निगाह है तुझ पर,
थोड़ी सी सावधानी रख!
बुलंदियाँ छूने की कलाबाजी,
परों में जान ओ दॉव बाकी रख!!
फिजायें हिम्मत आजमाएगीं,
नजर अपनी आसमानी रख!
परिंदे पहिले भी उड़े हैं कई,
सीख उनकी मुँह जुबानी रख!!
भटके,राह भूले न लौटे कभी,
याद उनकी भी निशानी रख!
दहक़ता आसमाँ होगा कहीं,
उड़ानों का पुरषत्व सानी रख!!
कहीं बादल घनेरे अँधेरा घुप्प,
कौंधतीं बिजलियाँ मानी रख!
धुंध के पार विहंगावलोकन कर ,
सितारों से आगे की रवानी रख !!
परिंदे हौंसला कायम रख!
अनवरत उड़ान जारी रख!!
(मेरे काव्य संग्रह 'शतकोटिमंजरी'से अनुदित)- श्रीराम तिवारी

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