4 साल से लगातार ऑक्सीजन सपोर्ट पर आश्रित अपनी भाबीजी से मिलने आये अनुज द्वय शालिग्राम,सीताराम! साथ में अनुज बधु हेमलता,नाती यथेष्ट, पौत्री शाम्भवी,नातिन याशिका,भतीजी रंजना, दामाद निर्मल जी,पुत्री अनामिका तथा हमारे प्रिय नाती राजा अक्षत और मा बदौलत...
सोमवार, 28 फ़रवरी 2022
सर सी वी रमन का सादर पुण्य स्मरण !
सर सी वी रमन का सादर पुण्य स्मरण !
रविवार, 27 फ़रवरी 2022
यूक्रेन ने कभी भारत का साथ नही दिया .
1) यूक्रेन ने कश्मीर मुद्दे पर UNO में भारत के खिलाफ वोट दिया था।
भारत और यूक्रेन
यूक्रेन ने सुंयुक्तराष्ट्र संघ में सदैव भारत का विरोध किया है और पाकिस्तान का समर्थन किया है!किंतु फिर भी भारत की जनता और भारत सरकार यूक्रेन के प्रति सच्ची सहानुभूति रखती है ! हमें अपने विदेश मंत्री एस जयशंकर पर और भारत सरकार की विदेशनीति पर गर्व है! मोदी जी बधाई के पात्र हैं!
अंत मति सो गति*!
जो शख्श अपने पूर्वजों द्वारा ईमानदारी से अर्जित संपत्ति में से परिजनों के हक पर बुरी नियत रखता है,भ्रातद्रोह करता है,वह पापी है !उसको जीवन में सुख शांति नही मिलती! उसे मरणोपरांत सदगति भी नही मिलती!क्योंंकि जिसकी नियत में खोट हो,उसका यह लोक और परलोक दोंनों दुखदायी हो जाते हैं! क्योंकि *अंत मति सो गति*!
व्लादिमिर पुतिन का सबसे संक्षिप्त भाषण -
व्लादिमिर पुतिन का अब तक का सबसे संक्षिप्त भाषण -
शनिवार, 26 फ़रवरी 2022
नफरत,सभ्य कौम को भी हिंसक बना डालती है!
निरंतर नफरत की मानसिकता,अच्छे भले इंसान को भी मनोरोगी बना देती है!पुतिन और लेजेंस्की इसके जीवंत प्रमाण हैं! इसी तरह भारत-पाकिस्तान,भारत चीन जैसे राष्ट्रों के बीच निरंतर नफरत,सभ्य कौम को भी हिंसक बना डालती है!
भारत की गुलामी का एक मात्र कारण अहिंसा नीति ही है..
अतीत में कुछ बदमाश लेखक इतिहासकार सिर्फ अंग्रेजों की गुलामी को ही भारतीय गुलामी का इतिहास बताने का कुकृत्य करते रहे हैं!मुहम्मद बिन कासिम, महमूद गजनबी गौरी,बाबर,दुर्रानी,अब्दाली,मलिक काफूर, चंगेज खान,हलाकू,तैमूर लंग इत्यादि लुटेरे-हत्यारे जंगखोरों को वे विदेशी नहीं मानते।
*कभी साथ बैठो..*
मतदाता बेहद नादान।
नेता बड़बोले नादान , गिना रहे हैं कब्रिस्तान।
शुक्रवार, 25 फ़रवरी 2022
राष्ट्र को प्रथम एवं आख़िरी प्राथमिकता बनाइये!!🌹
यूक्रेन की सरहदों पर तनाव है क्या?
दुनिया का कोई भी देश उक्रेन की मदद करने नही आया!
विगत 48 घंटों में ब्लादिमिर पुतिन के नेतृत्व में रूसकी सेनाने सारी दुनिया को स्तब्ध कर उक्रेन के तीन टुकड़े कर दिये हैं! रूसू सेना की कार्यवाही से उक्रेन के कई इलाके बर्बाद हो गये और सैकड़ों उक्रेनि सैनिक मारे गए हैं!
गुरुवार, 24 फ़रवरी 2022
भारत को रूस यूक्रेन के बीच मध्यस्थता करनी चाहिये!
कल24 Feb ko रूसी सशस्त्र बलों ने यूक्रेन पर हमला करना शुरू कर दिया है। यह अस्वीकार्य है और रूस को यूक्रेन के खिलाफ अपने सैन्य अभियानों को तुरंत रोकना चाहिए। साथ ही, दुनिया को यह समझना चाहिए कि, अमेरिकी साम्राज्यवाद इस संकट के पीछे असली अपराधी है। North Atlantic Treaty Organization (NATO) 30 देशों का सैन्य गठबंधन है। अमेरिका इस सैन्य गठबंधन का नेता है। अब अमेरिका ने यूक्रेन को NATO का सदस्य बनाने के लिए कदम उठाए हैं। रूस यूक्रेन का सीमावर्ती देश है। यदि यूक्रेन NATO का सदस्य बन जाता है, तो NATO के सैन्य अड्डे और मिसाइलें रूस के दरवाजे पर आ जाएंगी। इसलिए, रूस वास्तव में डरता है कि, यूक्रेन के NATO में शामिल होने से इसकी सुरक्षा के लिए एक बहुत बड़ा खतरा पैदा होगा। इसी आशंका ने रूस को यूक्रेन पर हमले करने के लिए मजबूर कर दिया है। भारत सहित विश्व के राष्ट्रों को तुरंत कदम उठाना चाहिए और बातचीत के माध्यम से इस संकट को हल करना चाहिए
रसिया और भारत यद्यपि दसकों पुराने दोस्त है,किंतु एक ताकतवर दोस्त यदि किसी कमजोर मुल्क पर दबंगई करे, तो शरीफ दोस्त (भारत) को हक है कि अपने दोस्त (रूस) की दबंगई पर नाखुशी जाहिर करे! भारत को रूस यूक्रेन के बीच मध्यस्थता करनी चाहिये! भारत को केवल अमेरिका या युरोप के लिये मैदान खुला नही छोड़ना चाहिये!वैसे भी रूस ने इस मामले में भारत को विश्वास में नही लिया !