रविवार, 27 फ़रवरी 2022

अंत मति सो गति*!

 जो शख्श अपने पूर्वजों द्वारा ईमानदारी से अर्जित संपत्ति में से परिजनों के हक पर बुरी नियत रखता है,भ्रातद्रोह करता है,वह पापी है !उसको जीवन में सुख शांति नही मिलती! उसे मरणोपरांत सदगति भी नही मिलती!क्योंंकि जिसकी नियत में खोट हो,उसका यह लोक और परलोक दोंनों दुखदायी हो जाते हैं! क्योंकि *अंत मति सो गति*!

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें