सच्चा योगी वह नही जो चुनाव प्रचार में रात दिन झूँठ बोल रहा हो ! बल्कि सच्चा योगी वो है,जो समदृष्टि और विशुद्ध चित्तवाला हो, जो सत्यनिष्ठ हो,जो सार्वजनिक जीवन में शुचिता व स्थिरबुद्धि वाला हो और जिसका निर्मल मन हो ! जैसे कि केरल के यशस्वी मुख्यमंत्री कॉमरेड पिनराई विजयन हैं!
स्मरण रहे कि एक विशेष (अल्पसंख्यक ) वर्ग को हौआ बताकर हिंदुओं को डराने और उनके डर को वोटों में भुनाने के लिये यूपी के सीएम श्री योगीजी ने अपने 6 मिनिट के एक वीडियो संदेश में फरमाया हैकि:-
"अगर मतदाताओं ने गलती की तो यूपी को कश्मीर,बंगाल या केरल बनते देर नही लगेगी! "
योगी जी यह वीडियो मीडिया पर शेयर किया है! योगी जी कैसे योगी बन गये, मुझे नही मालूम, किंतु मेरा दावा है कि योगीजी कम्युनिस्ट मेनीफेस्टो या *डास कैपिटल* जैसी वैश्विक विचारधारा वाला क्रांतिकारी साहित्य तो क्या,उन्होंने पंडित दीनदयाल और नानाजी देशमुख को भी नही पढ़ा होगा! यदि पढ़ा होता तो आज कासगंज की धरती से पं.दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर उनके"एकात्म मानवतावाद" दर्शन पर श्रद्धाँजली स्वरूप दो वाक्य अवश्य कहते!किंतु उन्होंने तो पं. दीनदयाल उपाध्याय का नाम तक नही लिया! क्योंकि पं दीनदयाल उपाध्याय एक चरित्रवान ब्राह्मण थे और योगी ठाकुर को ब्राह्मण बिल्कुल पसंद नही !बेशक मोदीजी ने कासगंज के मंच से पं.दीन दयाल उपाध्याय को याद किया! जबकि यही योगी हैं जिन्होंने एक कट्टर वामपंथी स्वर्गीय नामवरसिंह का जन्मदिन मनाया था और न केवल जन्मदिन मनाया था बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उस कार्यक्रम का मुख्य अतिथि बनाकर उनसे ही सम्मानित भी करवाया था!
जिस नामवरसिंह ने जीवन भर संघ परिवार और दक्षिणपंथ को पानी पी पीकर गालियां, दीं,उसी नामवरसिंह को योगी आदित्यनाथ (ठाकुर)ने परमपूज्य परमश्रद्धेय कहा! क्यों? क्योंकि नामवरसिंह भी ठाकुर ही थे! जबकि रामविलास शर्मा,कैफी आजमी, रघुपति सहाय गोरखपुरीऔर अदम गौंडवी को तो योगी जी मानों जानते ही नही!
बहरहाल इस आलेख का विषय साहित्यिक विमर्श या योगी जी की काबिलियत पर केंद्रित नही है! इस पर हम कभी और चर्चा करेंगे! बहरहाल अभी तो योगीजी के उक्त बयान का जबाब प्रस्तुत है जो केरल के मुख्यमंत्री कॉ.पिनराई विजयन ने दिया है!
"यदि यूपी केरल में बदल जाता है,जैसा कि योगी जी को डर है,तो शिक्षा,स्वास्थ्य और लोक जीवन शैली बेहतर हो जाएगी ! फिर यूपी में धर्म जाति के नाम पर दंगा फसाद और हत्याएं नही होंगीं ! वास्तव में यूपी में भी केरल जैसा सर्वसमावेशी विकास होने लगेगा!"
पिनराई विजयन बहुत पढ़े लिखे विद्वानऔर सुसभ्य हैं,वे सड़कछाप राजनीति करने वाले तत्वों के उल्टे सीधे बयानों का जबाब नही देते ! वैसे भी यह काम पार्टी का है! किंतु यदि कदाचित यूपी भी केरल जैसा हो जाए तो इससे बेहतर और क्या हो सकता है?
लेकिन यदि यूपी की जनता ने नकली समाजवादियों या जातिवादी नेताओं को जिताया तो बेशक यूपी केरल भले न बन पाए,किंतु वह *कैराना या कश्मीर* जरूर बन सकता है!
गुरू गोरखनाथ जी अपने भक्त को सदुबुद्धि प्रदान करें! एवमस्तु!
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