25 मई 2014 से पहले नवरत्नों याने सार्वजनिक उपक्रमों की स्थापना! बांधों का निर्माण,निजी क्षेत्र की लूट पर अंकुश याने राष्ट्रीयकरण! परमाणू ऊर्जा आयोग,पोखरण परमाणु विस्फेट,राकेश शर्मा अंतरिक्षगमन! पंचवर्षीय योजनाओं की स्थापनना! हरित क्रा्ति,श्वेत क्रांति,गरीबी हटाओ कार्यक्रम , जनसंख्या नियंत्रण-बधियाकरण!बीस सूत्री कार्यक्रम, संचार क्रांति और मनरेगा इत्यादि योजनाएं चलाईं गईं!
मई 2014 के बाद- जगह जगह मॉब लिंचिंग -दंगा फसाद,मंदिर मस्जिद विवाद,बीफकांड जाट गुर्जरआंदोलन,NRC/CCA कानून, श्रम विरोधी कानून,किसान विरोधी कानून! और उनके बिरुद्ध आंदोलन ! शहरों मुहल्लों का नाम परिवर्तन और चुनाव में हारने के बाद भी कांग्रेस के विधायक खरीदऱकर भाजपा राज्य सरकारों का निर्माण! बस इतना सा ही फसाना है मेरे आजाद भारत की आज तक की दिग्भ्रमित राजनीति का!
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