पंजाब में मोदीजी ने आज कांग्रेस पर एक विचित्र किंतु सत्य आरोप लगाया! उनका कहना था कि:-
"भाइयो बहिनो काँग्रेस के नेता एक दूसरे की पोल खोल रहे हैं"# (सिद्धु/चन्नी/बाजबा/जाखड़)#
अब राजनीति शास्त्र के ज्ञाता,संविधान विशेषज्ञ बताएं कि एक लोकतांत्रिक पार्टी में अलग अलग विचार और अभिमत हो सकते हैं कि नही?
और मोदीजी के बयान से यह भी सिद्ध हो रहा है कि मोदीजी और भाजपाके तमाम नेताओं के आपसी विरोध इसलिये छिपाये जाते हैं,क्योंकि मोदी जी अभिव्यक्ति की आजादी के सख्त खिलाफ हैं! याने वे सच्चे लोकतंत्र में यकीन नही करते! बल्कि संघ के *एकचालुकानुवर्तित्व*में यकीन करते हैं!
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