बुधवार, 2 फ़रवरी 2022

अवसरवादी नेता

 "आप जानते हैं कि भगतसिंह रेंक के हिसाब से अपनी क्रांतिकारी 'हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन पार्टी' के सबसे बड़े नेताओं में से एक थे। जब तय हुआ कि असेम्बली में बम फेंकना है,ताकि प्रेसवार्ता और मुकदमेबाजी के दौरान अपनी बात दुनिया तक पहुंचाई जा सकें तो वे खुद आगे आए,किसी छोटे या नए नवेले क्रांतिकारी को बलि का बकरा नही बनाया। जानते हैं क्यों?

पहला कारण यह कि वे स्वयं दर्शन, राजनीति, साहित्य और भाषा के ज्ञाता थे। वे अपनी बात को प्रभावी ढंग से रख सकते थे। अर्थात उनका उद्देश्य केवल बम का धमाका करना नहीं था बल्कि दुनिया से संवाद करना था।
दूसरा कारण यह कि वे आजकल के अवसरवादी नेताओं जैसे नहीं थे कि नौजवानों को कट्टा या हथौड़ी पकड़ा कर मंदिर मस्जिद तोड़ने भेज दें या गोली चलवायें और खुद संसद में और सत्ता में बैठ जाएं।

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