*तो कहूँ कि दर्द क्या है...*
     *अब यूँ दूर से पूछोगे..*
     *तो ख़ैरियत ही कहेंगे...*
*2.* 
*सुख मेरा काँच सा था..*
*न जाने कितनों को चुभ गया..!*
*3.* 
*आईना आज फिर*
*रिश्वत लेता पकड़ा गया..*
     *दिल में दर्द था और चेहरा*
     *हंसता हुआ पकड़ा गया...*
  *4.*
 *वक्त, ऐतबार और इज्जत,*
 *ऐसे परिंदे हैं..*
      *जो एक बार उड़ जायें*
      *तो वापस नहीं आते...*
*5.*
 *दुनिया तो एक ही है,*
 *फिर भी सबकी अलग है...*
*6.*
 *दरख्तों से रिश्तों का*
 *हुनर सीख लो मेरे दोस्त..*
      *जब जड़ों में ज़ख्म लगते हैं,*
      *तो टहनियाँ भी सूख जाती हैं*
*7.*
*कुछ रिश्ते हैं,*
*...इसलिये चुप हैं ।* 
     *कुछ चुप हैं,*
     *...इसलिये रिश्ते हैं ।।*
*8*. 
*मोहब्बत और मौत की*
*पसंद तो देखिए..*
     *एक को दिल चाहिए,*
     *और दूसरे को धड़कन...*
*9.*
*जब जब तुम्हारा हौसला*
*आसमान में जायेगा..* 
     *सावधान, तब तब कोई* 
     *पंख काटने जरूर आयेगा...*
*10.*
*हज़ार जवाबों से*
*अच्छी है ख़ामोशी साहेब..*
     *ना जाने कितने सवालों की* 
     *आबरू तो रखती है...*
       ️
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