कानपुर में एक बहिन ससुराल से मायके आई और अपने भाई को राखी बांधी!भाई ने अपनी बहिना को इस अवसर पर 2000 रु. दिये! बहिन के वापिस ससुराल लौटते ही उस बहिन की भावी ने 2000 रुपये देने की बात पर अपने पति से झगड़ा किया और घर में फांसी लगा ली !वेशक इस दुखद घटनाके अनेक कारण हो सकतें हैं!किंतु इतना तय है कि दूसरी कौमौ की तरह ही हिंदु समाज में भी नारी दुर्दशा के लिये स्वयं नारियां अधिक जिम्मेदार हैं!सास-बहु,ननद-भौजाई के बीच सर्वहारावर्ग में भले ही सरस संबंध हों किंतु मध्यमवर्ग और उच्च वर्ग में नारी ही नारी की दुश्मन है.यकीन न हो तो नीता अंबानी,टीना मुनीम के उदाहरणों पर गौर करें!इस तथ्य की अनदेखी करते हुये तमाम स्वनामधन्य प्रगति शील लेखक और कवि 'स्त्री विमर्श' में प्राय: यह मान लेते हैं कि नारी उत्पीड़न के लिये सिर्फ पित्रसत्तात्मकता जिम्मेदार है!
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