इंकलाब ज़िंदाबाद !
progressive Articles ,Poems & Socio-political -economical Critque !
बुधवार, 29 अगस्त 2018
सभी धर्मों के सार- भाववादी दर्शन को जाने बिना मार्क्स एंगेल्स के द्वंदात्मक भौतिकवाद को समझना वैसाही है,जैसे बिना मरे स्वर्ग जाना!
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