वेशक आर एस एस दुनिया का सबसे बड़ा साम्प्रदायिक संगठन है जो खुद के एजेंडे पर अडिग है!अफवाहों और मुंहजोरी में बेजोड़ हैं!किंतु जब कोई गाहे- बगाहे आरएसएस की तुलना आईएसआईएस,अल-कायदा या तालिवान से करता है,तो यह तुलना सहज सरल हिंदुओं के गले नही उतरती!निसंदेह यह तुलना हास्यापद और भ्रामक भी है। इस काल्पनिक तुलना में वैज्ञानिकता- तार्किकता का घोर अभाव है। वेशक मूलरूप से तत्वतः साम्प्रदायिक संगठनों में 'धर्मान्धता'हीउनका लाक्षणिक गुण है।
RSS [संघ ],आईएसआईएस में समानता सिर्फ इतनी है कि दोनों संगठनों में 'अक्ल के दुश्मन' ज्यादा है!इसके अलावा इनमें और कोई समानता नहीं । मजहबी आधार पर इस्लामिक संगठनों के निर्माण ,उत्थान- पतन का इतिहास उतना ही पुराना है,जितना कि इस्लाम का इतिहास पुराना है।जबकि 'हिंदुत्व' का कॉन्सेप्ट तब अस्तित्व में आया जब मुस्लिम शासकों ने स्प्ष्ट रूप से धार्मिक आधार पर राज काज चलाया और 'जजिया' कर लगाया। बाद में ज्यों-ज्यों हिंदुओं पर अत्याचार बढ़ते गये और हिंदु-मुस्लिम को एक सा मानने वाले दारा शिकोह जैसे मुगल वलीअहद भी जब औरंगजेब के इस्लामिक कट्टरवाद के शिकार हो गए! तब भी हिंदुत्व का विचार साधु संतों तकही सीमित था,किंतु 'संगठन'बनने का कोई साक्ष्य नहीं है। कुछ स्वाभिमानी राजपूत राजाओं अथवा छत्रपति शिवाजी,अहिल्याबाई होल्कर जैसे चंद हिन्दू जागीरदारों ने जरूर मरणासन्न हिंदुत्व को कुछ 'संजीवनी' देनेकी कोशिश कीथी !किन्तु इस्लाम जैसा आक्रामक हिंसक औरमजहबी संगठन बौद्ध जैन या हिंदुओं का कभी नहीं बना। मजहबी इस्लाम के आतंकीतो करबला के रेगिस्तान से ही कुख्यात हैं!गुलाम भारत में आजादी के संघर्ष से दूर रहने वाले स्वार्थी मुसलमानों ने जब मुस्लिम लीग बनाई तोउस की प्रतिक्रियामें कुछ मुठ्ठीभर हिंदुओं ने 'हिंदु महासभा'और राष्ट्रीय स्वयं सेवकसंघ बनाये! जिन्ना की मुस्लिम लीग को तो पाकिस्तान मिल गया!और काग्रेसको बचा खुचा भारत! किंतु संघ और महासभा को सिर्फ बदनामी ही मिली!क्योंकि गांधीजी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को 'दीक्षा' इन्हीं से प्राप्त हुई थी!आई एसआईएस ने और उससे पहले हमलावर कबाइलियों ने हजारों निर्दोषों को मार डाला, किंतु किसी इस्लामिक धर्मगुरू या शासक ने उसका विरोध नहीं किया!किंतु गांधीजी की हत्या के एक गुनहगार के एवज में इतिहासने पूरे संघ परिवार को स्थाई रूप से कठघरे में खड़ा कर रखा है!इस स्थिति के लिये संघ खुद जिम्मेदार है!
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